"एक सफल मोहब्बत "
जो इतने खूबसूरत न होते वो ,
तो यूँ ही उनके लिए जाँ निसार न कर देते हम |
गर इतनी सादगी न होती उनमे ,
तो यूँ ही उनके लिए अपनी ज़िन्दगी तबाह न कर लेते हम ||
जब से देखा है इन आँखों ने उस हसीन परी को ,
नींद से तो तभी से तौबा कर चुके थे हम |
हकीकत में न सही , ख्वाबों में ही मिल जाया करते वो ,
बस इसीलिए आँख बंद करके सो जाते थे हम ||
मानता हूँ हमे देखना भी गंवारा नहीं उन्हें ,
उनकी तस्वीर के सहारे थोड़ा सा हँस तो ले रहे थे हम |
काश उन्हें न सोचने की कसम तो न लेते वो ,
यादों के सहारे ही सही ,जी तो ले रहे थे हम ||
समय की रेत पर इस कदर धँस गए थे हमारे पाँव ,
शायद उनके बिना आगे बढ़ने को तैयार भी न थे हम |
इतनी काबिलियत थी की सब कुछ हासिल कर सकते थे ,
पर शायद उनके सिवा कुछ और पाना चाहते ही नहीं थे हम ||
वक़्त के भॅवर में डगमगा रही थी हमारी ज़िन्दगी की नाव ,
फिर भी खुद को सँभालने की जगह ,किनारे पर उन्हें ही देख रहे थे हम |
वो बचाते न सही कोशिश ही कर देते ,खुदा जानता है ,
आखिरी सांस तक लड़ते ,पर डूबने से पहले तो न मरते हम ||
True Love is not just the meeting of two bodies, but the meeting of two souls
The Real Fiction starts:
जब इस लोक में मिलना न हो पाया ,
तब जन्नत में जाकर मिले हम |
जब उनके सामने थे तो मेरी सच्ची मोहब्बत का अंदाज़ा न हुआ उन्हें ,
जब तक एहसास हुआ बहुत दूर जा चुके थे हम ||
आखिर उन्होंने भी त्याग दी ये दुनिया ,
जब जाना की सच्चा प्यार तो उनसे करते थे सिर्फ हम |
रूह भी उनकी हमसे मिलकर वहां खुशनसीब हो गयी ,
जब उन्होंने पाया वहां भी उनका इंतज़ार कर रहे थे हम ||
सब कुछ मिलने के बाद भी जीवन भर दुखी रहे ,जो सब यहाँ मिला वो तो धोका ही था ,
जब उनसे मिले तब पता चला आखिर क्या चाहते थे हम |
टूट के बिखर गए बाँहों में, माफ़ी मांगने लगे वो हमसे ,
आंसुओं से फिर तब रो दिए जब हमने कहा ,आपको तो यहाँ आने से पहले माफ़ कर चुके थे हम ||
सीने से आकर लग गए वो हमारे ,
शरीर न होते हुए भी प्यार का एहसास कर रहे थे हम |
सब कुछ होते हुए भी जीतेजी दुखी क्यों थे .
तब एहसास हुआ की असल में क्या ख्वाइश रखते थे हम||
आखिर मिल ही गयी मंज़िल मुझे ,
जीतेजी न सही मरकर ही उन्हें पा तो चुके थे हम |
दुनिया वाले सोचते रह गए ही मरकर हार गए थे हम ,
पर जन्नत का जश्न गवाह था की उन्हें पाकर वहां जीत गए थे हम ||
-by KINSHUK YADAV