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Motivational Shayari

​​

मंज़िल : तू कितनी ही परीक्षा ले ले ,

मैं खुद को थकने नहीं दूंगा ,

मुझसे कितनी ही दूर क्यों न हो तू ,

देख लेना एक दिन तुझे पा ही लूंगा ||

आज जो दृढ़ता से अपने कदमो को जमा चुके हैं ,

मत भूलो कदम -कदम पर गिरके फिर से खुद को खड़ा किया था उन्होंने |

आज जो मीलों लम्बी दूरी तये करके बैठे हैं ,

याद रखना की एक कदम से ही अपना सफर शुरू किया था उन्होंने ||

शोहरत किसी धनवान की ,

दौलत की मोहताज नहीं होती |

दिल में जो आग है उससे ,

एक बार तो खुद को जलाओ ||

-KINSHUK YADAV


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